Tuesday, August 2, 2011

ना जाने कौन हूँ मैं

ना जाने कौन हूँ मैं, क्या नाम है मेरा
हूँ एक बुलबुला थोडा धुला धवल सा,

इस सतरंगी से संसार में
रंगों के इस जंजाल में,
रँगा हूँ मैं भी इश्क के रंग में,

यह रंग निराला है
देखो कैसे हमें संभाला है
प्रियतम का प्यार निराला
जो कर देता है सुर्ख मुझे,

हाँ मुझे भी एक नाम मिला
एक नया संसार मिला,
इश्क का रंग सचमुच निराला है
देखो कैसे हमें संभाला है ....
देखो कैसे हमें संभाला है ....

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