Thursday, September 30, 2010

Madhushala

मुसलमान और हिन्दू हैं दो, एक मगर उनका प्याला,

एक मगर उनका मदिरालय, एक मगर उनकी हाला,

दोनों रहेते एक जब तक, मंदिर मस्जिद में जाते,

बैर बढ़ाते मंदिर मस्जिद, मेल कराती मधुशाला !

आज के इस नए युग में भी देखो,क्या हो रहा है,

लेकिन ये एक मधुशाला है जहाँ हमेशा बसंत है,

जिसका नहीं कोई, ये उसके लिए यह मधुबाला है,

अरे सीखो इस से, ये करती नहीं भेद,

इतना बीत गया समय फिर भी,

देखो वही सुराही है, और वही प्याला है.