Saturday, September 6, 2008

कुछ तो बात करो

क्यों कर तुम हमसे बात नही करते हो
दिया हुआ अपना वादा क्यूँ तोड़ते हो,
हर पल जीलो जी भर के जानम
ना जाने कौन सा पल मौत की अमानत हो

5 comments:

Shastri JC Philip said...

चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है आप का !!



-- शास्त्री जे सी फिलिप

-- हिन्दी चिट्ठाकारी के विकास के लिये जरूरी है कि हम सब अपनी टिप्पणियों से एक दूसरे को प्रोत्साहित करें

شہروز said...

अंतरजाल के संसार में हार्दिक अभिनन्दन.
आपकी रचनात्मक मेघा सराहनीय है.
हमारी शुभ कामनाएं.
कभी समय मिले तो इस तरफ भी आयें, और हमारी मुर्खता पर हंसें.
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/ http://saajha-sarokaar.blogspot.com/

राजेंद्र माहेश्वरी said...

हर पल जीलो जी भर के जानम

||उदासीनता मृत्यु से भी अधिक कष्टदायक हैं||

fatima shah said...

aree yaar iss baat ka hi toh malaal
hai...ki baat ho hi nahi paati..
baaki aap aajkal bade writer kinds ho gaye hain...hmm...

प्रदीप मानोरिया said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है निरंतरता की चाहत है
समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें