Thursday, May 22, 2008

यादें



सुनकर तेरी वो प्यार की बातें फ़िर वही दर्द जाग उठा है

तू दूर तो है मुझसे पर इन आँखों से हर घड़ी हर जगह

चेहरा तेरा नज़र आता है




मुझे मालूम है तुम आओगी तो सही पर तुम ही सोचो


ऐसे तद्पाने में क्या रखा है


समझा रहा हूँ चल सों जा कमबख्त पर सच बता


क्या तेरा दिल भी मुझे याद करता है




जला रखा है तेरी याद में शमा को हमने मगर


यह परवाना भी तेरे साथ ही जल जाना चाहता है






3 comments:

Unknown said...

wallah !!!!!11 kya baat hai

tumne toh mere dil ki baat keh di ....

hmmmmm mai bhi yeh hi soch rahi hu but unke liyeeee

Rahul Saluja said...

wah wah....

fatima shah said...

Ek jhooth tha jiska dunia ne rakha hai mohabbat naam,dhokha hai jise kehte hain wafa..bas dekh liya anjaam...
Its tooo gud Hemant... keeping writing...